मध्यप्रदेश पंचायती राज व्यवस्था
- शासन को आम जनता के दरवाजे तक पहुंचाने कि व्यवस्था या माध्यम ही पंचायतीराज कहलाता है।
- पंचायतीराज व्यवस्था एक एसी प्रणाली है जिसमें किसी एक विशेष वर्ग की नही बल्कि, सभी वर्गों की समान रूप से, भूमिका होती है।
- पंचायतीराज के माध्यम से स्थानीय समस्याओ का स्थानीय स्तर पर ही हल निकाला जाता है।
- मध्यप्रदेश में स्वतंत्रता से पहले एवं बाद में पंचायतीराज व्यवस्था लागू थी किन्तु संविधान के 73 वें संशोधन के पश्चात इसका स्वरूप बदल चुका है, एवं ये नये रूप में लागू हुई।
मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1962
- मध्यप्रदेश में पुनर्गठन के बाद पंचायत राज की स्थापना के लिए पंचायतीराज अधिनियम 1962 पारित किया गया।
- इसमें यह उपबंध था कि 1000 की जनसंख्या वाले ग्राम अथवा ग्राम समूह के लिए एक ग्राम सभा गठित की जायेगी।
- चुनाव का आधार इसमें वयस्क मताधिकार प्रणाली था।